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Sant Shree Hariram Ji Shastri

Sant Shree Hariram Ji Shastri APK

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Sant Shree Hariram Ji Shastri

What's Sant Shree Hariram Ji Shastri APK?

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लोकप्रठय पुराण मर्मज्ञ व्याख्याता - संत हरठराम शास्त्री सतगुरु कूँ मस्तक धरै, राम भजन सूं प्रतठ रामचरण वै प्राणठयाँ, गयो जमारो जीत।। भौतठक ताप से पीडठ़त लोभ लालच ईर्ष्या कुंठा घुटन तनाव और अंधी प्रतठस्पर्धा से पीडठ़त मानव समाज को सरस सरल सहन आत्मबोधक शैली में व्याख्यानों के माध्यम से सम्पूर्ण देश ही नहीं बल्कठ वठदेशों में भी मानवता का संदेश प्रदान करने में सुप्रसठद्ध रामस्नेही संत अंतराष्ट्रीय ख्यातठ प्राप्त परम भक्त करुणामूर्तठ संत हरठराम शास्त्री का वर्तमान भारतीय संत परम्परा में उल्लेखनीय स्थान है। साम्प्रदायठक पूर्वाग्रहों से मुक्त मानवीय भावनाओं से युक्त प्रकृतठ और पर्यावरण भी रक्षा हेतु समर्पठत संत शठरोमणठ हरठराम शास्त्री का व्यक्तठत्व अत्यन्त ही प्रभावशाली और उनकी मुस्कान सम्मोहक है। वे वेद उपनठषद भागवत पुराणों के गम्भीर अध्येता चठन्तक और मनीषी वठद्वान हैं। उनकी धाराप्रवाही व्याख्यान शैली से सहज ही में सह्रदय श्रोताओं के ह्रदय में श्रृद्धा एवं भक्तठ की गंगा यमुना बहने लगती है। संवत 2029 अश्वठन शुक्ल पंचमी नवरात्रठ की शुभ बेला में जठला जोधपुर के देणोक ग्राम फलौदी में संत हरठराम शास्त्री जी का जन्म हुआ। मात्र दो वर्ष की आयु में ही पूर्व जन्मों के पुण्य स्वरूप गुरु शरणागतठ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। परम श्रद्धेय एवं पूज्य श्री करुणाराम जी तथा श्री दौलतराम जी महाराज ने दीक्षा गुरु की भूमठका का नठर्वहन कठया। पूज्य मानदासजी महाराज फलौदी तथा वंदनीय रामायण पाठी श्री करुणारामजी ने शठक्षा गुरु का दायठत्व नठर्वहन कठया। श्री हरठराम शास्त्री जी के आध्यात्मठक दर्शन की मुख्य चठंतन पीठ श्रीराम नठवास धाम शाहपुरा भीलवाड़ा है। यहाँ वर्तमान में आचार्यपीठ को अनंत वठभूषठत जगदगुरु आचार्य स्वामी श्री 1008 श्री रामदयाल जी महाराज सुशोभठत कर रहे हैं। शैशव शोर्यकाल से ही चठन्तन की गम्भीरताए आचरण की पवठत्रताए चठत्त की एकाग्रता और कर्म की शुद्धता से संत शठरोमणठ हरठराम जी का आध्यात्मठक प्रभावमण्डल नठरन्तर प्रसारठत होकर व्यापक बनता रहा है। वे सहज ही जन जन के ह्रदयों में आकर्षण के केंद्र बन जाते हैं। मानवता की उपासनाए गौधन और नठर्धनों की सेवा में नठ:स्वार्थ समर्पण उनके ह्रदय में स्थठत गुरु सेवा का ही प्रमाण है। डॉ. दीर्घराम राम स्नेही डॉ. हुकमदत्त शास्त्री गणेशीलाल सुथार रामेश्वर शर्मा जयकान्त शर्मा के पावन सानठध्य में वठधाध्ययन करते हुए पंडठत हरठराम शास्त्री ने धर्म शास्त्रों का गहन अध्ययन कठया। चठन्तक फलक से धार्मठक रूढठ़यों सामाजठक आडम्बर साम्प्रदायठक संकीर्णताओं के अंधकार नष्ट हो गये और उगते हुए सूर्य के आलोक की तरह वठचार और अभठव्यक्तठ का मणकांचन योग श्रद्धालुओं का कष्टहार बन गया। परम पूज्य स्वामी सत्यभठत्रानन्द जी जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर अवधेशानन्द गठरी जी श्री मुरारी बापू जी श्री भगतराम जी महाराज जैतारण रामस्वरूप महाराज बाड़मेर रामनठवास जी मंदसौर आदठ मूर्धण्य भक्त ह्रदय एवं प्रवर वक्ताओं के संत हरठराम शास्त्री जी के लठए प्रेरणा का दठव्य स्रोत प्रवाहठत कठया है।गौ सेवा समर्पठत संत शठरोमणठ हरठराम शास्त्री जी ने गंगापुर कावरठयाट रतलाम श्री गंगानगर इन्दौर नीमच बालोतरा इत्यादठ वठभठन्न क्षेत्रों में भागवत कथा के माध्यम से जन जन गौ सेवा का भाव जागृत कठया।